सिंगर - हरिहरन
मरीज-ए- इश्क का क्या हे जिया जिया ना जिया
हे एक सांस का झगडा लिया, लिया ना लिया
मरीज-ए- इश्क
बदन भी आज अगर तार तार हे मेरा ............................2
तो एक चाक गरीबा सिया, सिया ना सिया ....................2
मरीज-ए- इश्क
ये और बात के तू हर रहे ख्याल में हे .............................2
के तेरा नाम जबा से लिया, लिया ना लिया ......................2
मरीज-ए- इश्क
मेरे ही नाम पे आया हे जाम महफ़िल में.........................2
ये और बात के मेने पिया, पिया ना पीया.........................2
मरीज-ए- इश्क
ये हाल-ए- दिल हे सफी में तो सोचता ही नहीं .................2
के क्यों किसी ने सहारा दिया, दिया ना दिया ..................2
मरीज-ए- इश्क
https://youtu.be/5XL0pGeodFE
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