सिंगर - गुलाम अली खान
घड़ी दो घड़ी मुस्कुराना पड़ेगा।
गम-ए- दिल किसी
बहुत बच के निकले मगर क्या खबर थी.......2
इधर भी तेरा असताना पड़ेगा।
गम-ए- दिल किसी
चलो महकदे में बसेरा कर लो..........2
न आना पड़ेगा न जाना पड़ेगा ।
गम-ए- दिल किसी
नही भूलता सैफ अहद-ए-तमन्ना.........2
मगर रफ्ता रफ्ता। भुलाना पड़ेगा।
गम-ए- दिल किसी
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