सावन के सुहाने मौसम में इक रूप की रानी याद आयी
वो बाग का मंजर याद आया झूलो की कहानी याद आयी
सावन के सुहाने मौसम में
मदहोश फजा मस्ताना समा बादल का वो झुकना खेतो पर
यूँ मस्त हवा लहराने लगी जिंदड़ी कोई धानी याद आयी
वो बाग का मंजर याद आया झूलो की कहानी याद आयी
सावन के सुहाने मौसम में
कोयल की मल्हारे मस्तानी मोरो के तराने मस्ताने
रिमझिम का वो आलम क्या कहिये वो बात पुरानी याद आयी
वो बाग का मंजर याद आया झूलो की कहानी याद आयी
सावन के सुहाने मौसम में
हर सिमट बसंती फूल खिले गुलशन में बाहरे जब आयी
जो साथ किसी के गुज़री थी वो शाम सुहानी याद आयी
वो बाग का मंजर याद आया झूलो की कहानी याद आयी
सावन के सुहाने मौसम में
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