फुल हे चाँद हे क्या - हरिहरन



फुल हे चंदा हे क्या लगता हे
भीड़ में सबसे जुदा लगता हे
फुल हे चंदा हे

उसकी कुर्बत में अजाब दुरी हे
आदमी होक खुदा लगता हे
फुल हे चंदा हे

उसके होंठो से में अब क्या मांगू
जो भी कहता हे दुआ लगता हे
फुल हे चंदा हे

शोर हे दिल में कुछ इतना राशीद
मुजको सन्नाटा सदा लगता हे
फुल हे चंदा हे



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