वो कागज की कश्ती - जगजीत सिंह

ये दौलत भी ले लो ये शौहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी 
मगर मुझको लौट दो बच्चपन का सावन 
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी

मौहल्ले की सबसे पुरानी निशानी 
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियो का डेरा 
वो चेहरे की झुर्रियों में सदियों का फेरा
भुलाये नही भूल सकता है कोई
वो छोटी सी राते वो लम्बी कहानी

कढ़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी पे लड़ना झगड़ना
वो झूलो से गिरना वो गिर के सम्भलना
वो पीतल के छल्लो के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी




Comments