सबके दिल मे रहता हूं पर दिल का आंगन खाली है
खुशिया बांट रखा हु जग में अपना दामन खाली है
गुल रुत आयी कालिया चटकी पत्ति पत्ति मुस्काये है
पर एक भँवरा न होने से गुलशन गुलशन खाली है
सबके दिल मे रहता हूं
रंगों का फुकदाम नही हर चंद यंहा पर जाने क्यों
रंग बिरंगे तन वालो का सच है ये मन खाली है
सबके दिल मे रहता हूं
दर दर की ठुकराई हुई ए महबूबा तन्हाई
आ मिल जुल कर रह ले इसमे दिल का नशेमन खाली है
सबके दिल मे रहता हूं
Comments
Post a Comment