उम्र भर पछताओगे - हरिहरन


उम्र भर पछताओगे तुम मुझको ठुकराने के बाद
किसपे तोड़ोगे सितम,  तुम मेरे मिट जाने के बाद
उम्र भर पछताओगे

आह ये सदमा मेरा ही दिल था जो में सह गया
क्या कहू क्या दिल पे गुजरी आपके जाने के बाद
किसपे तोड़ोगे सितम,  तुम मेरे मिट जाने के बाद
उम्र भर पछताओगे

काम कर जाती हे जिस दम इश्क की नाकामिया
खुद संभल जाता हे इंसान ठोकरे खाने के बाद
किसपे तोड़ोगे सितम,  तुम मेरे मिट जाने के बाद
उम्र भर पछताओगे

तुमने तो अहद -ए - वफ़ा तोडा मगर साहिल तेरा
हो नहीं सकता किसीका तेरा हो जाने के बाद
किसपे तोड़ोगे सितम,  तुम मेरे मिट जाने के बाद
उम्र भर पछताओगे
                                                       


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